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Monday, February 17, 2014
रास्ते का सीमांकन कराने की मांग बालोतरा शास्त्री कॉलोनी संघर्ष समिति की ओर से तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर शहर से सीधे जुड़ाव वाले रास्ते को पुन: खुलवाने तथा रास्ते से सटी कृषि मंडी व रेलवे की जमीन का सीमांकन करवाने की मांग की। ज्ञापन में समिति के मुकेश वैष्णव ने बताया कि शहर की कृषि मंडी के पिछवाड़े बसी शास्त्री कॉलोनी को करीब ३५-४० वर्ष हो चुके हैं। वर्तमान में यहां करीब एक हजार घरों की आबादी हो चुकी है। शुरूआत से लेकर वाशिंदे कृषि मंडी के पीछे से होकर उसकी दीवार के सहारे शहर से जुडऩे वाले सीधे रास्ते से आवागमन करते थे। लेकिन करीब ५-६ वर्ष से उस रास्ते को रेलवे ने दोनों तरफ से ऐंगले लगवा कर बंद कर रखा है। इससे आवागमन पूरी तरह बंद हो चुका है। केवल पैदल राहगीर ही आवागमन कर सकते हैं। आपातकालीन की स्थिति में कॉलोनीवासियों को काफी परेशानियों से रूबरू होना पड़ता है। रास्ते खुलवाने को लेकर कॉलोनीवासियों काफी वर्षों से संघर्षरत है, लेकिन रेलवे व कृषि मंडी की भूमि का सीमांकन नहीं होने से रास्ता बंद पड़ा है। सीधे रास्ते के अभाव में कॉलोनीवासियों को करीब ४ किलोमीटर का चक्कर लगाकर शहर में प्रवेश करना पड़ता है और यह परेशानी वाशिंदों के लिए रोजमर्रा की बन गई है। रेलवे विभाग की उत्तरी भूमि खसरा नंबर ३७६, ६३३, १०४६/४५७, १०४८/४५७ तथा कृषि मंडी भूमि खसरा नंबर ३६९, ३७०, ३७३, ३७४ व ३७५ में स्थित है। कॉलोनीवासियों की मांग है कि रेलवे की उत्तरी भूमि व कृषि मंडी के बीच की भूमि का सीमांकन करवा जाए, ताकि कॉलोनीवासियों को सीधा रास्ता मिल सके।
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